Five Gems / Panchratan (पंच रत्न) for Puja
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हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में पंच रत्न (पाँच रत्न) का विशेष महत्व होता है। पंच रत्न का प्रयोग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने, सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने और जीवन में समृद्धि लाने के लिए किया जाता है।
पंच रत्न क्या हैं?
पंच रत्न पाँच प्रमुख रत्न होते हैं, जिन्हें अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। ये पाँच रत्न इस प्रकार हैं:
- हीरा (Diamond) – यह रत्न शक्ति, समृद्धि और विजय का प्रतीक माना जाता है। इसे पहनने से बुद्धि का विकास होता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- माणिक्य (Ruby) – इसे सूर्य का रत्न माना जाता है और यह आत्मविश्वास, उर्जा और स्वास्थ्य में वृद्धि करता है।
- नीलम (Blue Sapphire) – यह शनि ग्रह का रत्न है और इसे धारण करने से भाग्य का उदय होता है। यह व्यक्ति को बुरी शक्तियों और नकारात्मकता से बचाता है।
- पन्ना (Emerald) – यह बुध ग्रह का रत्न है और इसे बुद्धि, ज्ञान और रचनात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
- पुखराज (Yellow Sapphire) – यह बृहस्पति ग्रह से संबंधित है और इसे पहनने से सुख-समृद्धि, वैवाहिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
पूजा में पंच रत्न का उपयोग
- पंच रत्न को चाँदी या सोने की थाली में रखकर पूजा स्थल पर स्थापित किया जाता है।
- इन्हें भगवान के चरणों में अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।
- कुछ लोग पंच रत्न को मंत्रों के साथ अभिमंत्रित कर गंगाजल से शुद्ध कर तिजोरी या पूजास्थल में रखते हैं।
- इन रत्नों का उपयोग विशेष रूप से नवग्रह पूजा, ग्रह शांति हवन और महालक्ष्मी पूजा में किया जाता है।
पंच रत्न का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व
- ये रत्न विभिन्न ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं।
- इन्हें धारण करने या पूजास्थल में रखने से मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
- ये बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
Panchratna, meaning "five gems," holds spiritual significance in puja rituals. It symbolizes prosperity, divine blessings, and positive energy. Often used in worship and offerings, Panchratna is believed to attract good fortune, harmony, and protection, making it an essential element in sacred ceremonies and traditional Hindu rituals.
